देशभर में सोमवार (17 जून, 2024) को बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है, जिसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है



मौलाना मुफ्ती शाहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि कुर्बानी हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की यादगार है, जो सब्र व बर्दाश्त की शिक्षा देती है



मुफ्ती शाहाबुद्दीन रजवी ने बकरीद पर मुसलमानों को सरकार की गाइडलाइन का पालन करने को कहा है. उन्होंने कहा कि खुले में कुर्बानी न दें क्योंकि इससे दूसरे धर्म के लोगों को दिक्कत हो सकती है



ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शाहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि कुर्बानी के बाद जानवर के बचे हुए अवशेषों को सड़क पर न फेंके



मौलाना मुफ्ती ने कहा कि बचे हुए अवशेषों को प्लास्टिक में डालकर जमीन में दफना दें



उन्होंने हिदायत दी है कि जानवरों के खून को भी नालियों में बहाने के बजाए उसको इकट्ठा कर लें और फिर जमीन में दफना दें



मौलाना ने कहा कि ईद की नमाज सड़क या किसी सर्वाजनिक स्थल या ऐसी जगह पर न पढ़ें, जहां पर लोगों को परेशानी हो



मुफ्ती शाहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि अगर मस्जिद या ईदगाह में सारे नमाजी नहीं आ सकते हैं तो दूसरी जमात के साथ नमाज पढ़ें



मौलाना ने यह भी कहा कि मस्जिद में अलग-अलग समय पर अलग-अलग इमामों के साथ नमाज पढ़ी जा सकती है



उन्होंने बताया कि इस तरीके से अलग-अलग समय पर नमाज पढ़ने से सड़क पर लोगों का जाम नहीं लगेगा और किसी को परेशानी नहीं होगी