हज और उमराह के लिए इहराम एक जरूरी नियम है, ये क्या है आइए जानते हैं

पाकिस्तान के मुफ्ती तारिक मसूद के अनुसार हज और उमराह के लिए दो मुख्य शर्तें हैं जिनमें पहली 'तवाफ' और दूसरा 'इहराम' है

तवाफ के दौरान सभी हज यात्रियों को काबा के चारों ओर चक्कर लगाने होते हैं

इहराम में बहुत से नियम होते हैं जिनमें सिले हुए कपड़े न पहनना भी शामिल है

मुफ्ती साहब के अनुसार, हज बिना इहराम के पूरा नहीं होता है

अक्सर लोग इहराम में रहने का मतलब शरीर पर चादर ढ़कना समझते हैं लेकिन मुफ्ती तारिक मसूद ने इसका सही मतलब समझाया

मुफ्ती साहब के मुताबिक, इहराम हज के दौरान ऐसी स्थिति है जिसमें हज के लिए जा रहा व्यक्ति सिले हुए कपड़े नहीं पहन सकता

महिलाओं को हज के दौरान पूरे काले या सफेद कपड़े पहनने होते हैं

ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उमराह में आने के बाद सबको एक समान समझा जाए

इसके अलावा और भी बहुत से नियम हैं जिन्हें न मानने पर हज यात्री गुनाह के दायरे में आता है