मुगल बादशाह बाबर की बेटी और अकबर की बुआ गुलबदन बेगम मुगल काल में हज यात्रा करने वाली पहली महिला थीं



मशहूर लेखक रुबी लाल ने अपनी किताब वेगाबॅान्ड प्रिंसेज में गुलबदन बेगम की हज यात्रा का जिक्र किया है. आइए जानते हैं कि वहां उनके साथ क्या हुआ



हज यात्रा पर गईं बाबर की बेटी गुलबदन बेगम के साथ अरब मुल्क के सुल्तान ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था



साल 1576 में अकबर से इजाजत लेकर गुलबदन बेगम फतेहपुर सीकरी से मक्का मदीना के लिए निकल गईं



बेगम अपने साथ शाही महिलाओं का ग्रुप, सोने चांदी और हीरे जवाहारात से भरे बक्से और एक से बढ़कर एक कपड़े ले गईं



हज करने के बाद बेगम ने कुछ समय बाद मक्का में रहने का इरादा बनाया



अपने साथ ले गई बेशुमार दौलत गुलबदन ने मक्का के लोगों को बांटना शुरू कर दिया



उस समय अरब में ओटोमन का राज था और उसके सुल्तान मुराद अली को यह सब देखकर बहुत गुस्सा आया. उन्होंने चार शाही फरमान भेजकर बेगम को अरब छोड़कर जाने को कह दिया



बेगम ने सारे फरमान ठुकरा दिए, जिसके बाद सुल्तान ने गुस्से में आग बबुला होकर उनके साथ गई महिलाओं के लिए टर्किश में बहुत गलत भाषा का प्रयोग किया



अकबर को इस बात का पता चला तो वह बेहद नाराज हुए और साल 1582 में गुलबदन बेगम फतेहपुर सीकरी लौट आईं