कैसे बीते अकबर के अंतिम दिन?

Published by: एबीपी लाइव डेस्क
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अकबर द ग्रेट मुगल में एलस. एम. बुर्के ने लिखा है कि अकबर के दो बेटों मुराद और दानियाल की शराब पीने की वजह से मौत हो गई थी.

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तीसरा बेटा सलीम उनसे बगावत पर उतर आया था. उनकी मां हमीदा बेगर और सबसे करीबी बीरबल की मौत से वह पहले ही बहुत दुख में थे. बीमारी के बावजूद भी राजा होने के नाते आखिरी सांस तक अपना कर्तव्य निभाते रहे.

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इस बीच सलीम ने उनके सलाहकार अबुल फजल को भी मरवा दिया. किताब में लिखा गया कि एक पिता के रूप में नाकमयाबी अकबर का सबसे बड़ा दुख था.

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अबुल फजल की मौत की खबर सुनते ही अकबर जमीन पर गिर पड़े और कई दिन तक दुख में रहे.

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शेख फरीद बख्शी बेग यानी असद बेग ने बताया कि अकबर ने उनसे कहा कि अगर सलीम को गद्दी चाहिए थी तो वह उन्हें मार देता और अबुल फजल की जान बख्श देता.

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असद बख्शी लिखते हैं, 'उस दिन अकबर ने न तो दाढ़ी बनवाई. वह कई दिनों तक रोते रहे और सलीम को कोसते रहे.'

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अकबरनामा में इनायतुल्लाह ने लिखा है कि अकबर ने इस अपराध के लिए सलीम को कभी माफ नहीं किया.



इनायतुल्लाह बताते हैं कि 22 सितंबर, 1605 को अकबर की तबियत बिगड़नी शुरू हुई. फिर 10 दिन बाद उन्हें बुखार आया और वह कमजोर होते चले गए.



अंतिम दिनों में भी उन्होंने झरोखा-ए-रस्म निभाई. वह बिस्तर पर थे, लेकिन बोलकर शाही हुक्म लिखवाते रहे. 27 अक्टूबर, 1605 को अकबर ने अंतिम सांस ली. उस वक्त वह 63 साल के थे और करीब 50 साल उन्होंने भारत पर राज किया.