मुगल शासक जलालुद्दीन अकबर से जुड़े कई किस्से इतिहासकार सुनाते हैं. इन्हीं में से एक वाकया आज हम आपको सुना रहे हैं



अकबर ने अपने बेटे शहजादे सलीम की शादी में सोने के इतने सिक्के बिखेरे थे कि लोग उठाते-उठाते थक गए



अब्दुल कादिर बदायूंनी की किताब मुंतखब-उत-तवारीख में भी इसका जिक्र है



अकबर की जीवनी पर लिखी किताब में मणिमुग्ध शर्मा ने अकबर की गैर मुस्लिम पत्नी का नाम हरखा बाई बताया है. शहजादे सलीम उन्हीं के बेटे थे



सलीम मिर्जा की शादी राजा भगवंत दास की बेटी से तय हुई थी



भगवंत दास हरखा बाई के भाई और सलीम मिर्जा के मामा थे



हरखा बाई की वजह से अकबर की हिंदू रीति-रिवाजों में दिलचस्पी बढ गई थी. सलीम मिर्जा की शादी में भी हिंदू रस्मों को काफी तवज्जो दी गई



जलालुद्दीन अकबर ने भी बहू के घर में हुए सारे हिंदू रीती-रिवाजों में हिस्सा लिया



अकबर ने बहू के घर से लेकर राजमहल तक पूरे रास्ते में सोने के सिक्के बिखेरने का आदेश दिया था



इस पूरे रास्ते में इतने सिक्के बिखेरे गए कि लोग उठाते-उठाते थक गए



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