संभाजी ने मुगल शासक औरंगजेब को लेकर एक भविष्यवाणी की थी जो बाद में सही साबित हुई. चलिए जानते हैं क्या थी वह भविष्यवाणी.
संभाजी ने कहा था कि दक्कन को जीतने की जिद्द ही औरंगजेब के पतन की वजह बनेगी. औरंगजेब जब दक्कन पर कब्जा करने के लिए औरंगाबाद आया और वहीं रुक गया तो संभाजी ने उसकी बेटी को एक खत लिखा.
उन्होंने खत में औरंगजेब को दिल्ली वापस बुलाने के लिए कहा था.
संभाजी ने खत में लिखा कि औरंगजेब अगर जिद्द पर अड़ा रहा तो दिल्ली वापस नहीं जा पाएगा और उसकी जिद्द उसके लिए दक्कन में ही कब्र खोदने की नौबत ला सकती है.
संभाजी की ये बात सच हो गई. मुगल और मराठा के युद्ध में औरंगजेब की हार हो गई, जिसके बाद वह दक्कन में ही मर गया और उसके शरीर को दक्कन में ही दफनाया गया.
उपन्यासकार विश्वास पाटील कहते हैं कि औरंगजेब ने दक्कन पर 4 लाख जानवरों और 5 लाख सैनिकों के साथ हमला बोल दिया था, लेकिन संभाजी ने एक भी किला मुगलों के नाम नहीं होने दिया.
औरंगजेब ने संभाजी पर संगमेश्वर में फरवरी, 1689 में हमला किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. फिर उन्हें बहादुरगढ़ ले जाया गया.
वहां पर औरंगजेब ने संभाजी को एक प्रस्ताव दिया और कहा कि वे अपने सारे किले औरंगजेब को सौंप दें और साथ ही इस्लाम धर्म कुबुल कर ले तो वह उनकी जान बख्श देगा.
औरंगजेब की बात न मानने और इस्लाम धर्म न अपनाने की वजह से संभाजी को मार दिया गया, जिसके बाद औरंगजेब की क्रूरता से नाराज मराठों ने उसको हरा दिया.
साल 1705 में औरंगजेब की तबीयत खराब होनी शुरू हुई. दक्कन में ही उसकी मृत्यु हो गई और उसकौ वहीं दफनाया गया.