सऊदी अरब में इस्लाम से पहले जो लोग रहते थे उन्हें बद्दू कहते थे. ये लोग कई गुटों में बंटे थे. ईसा के बाद लगभग तीसरी शताब्दी में बद्दू समुदाय के सभी गुट एकसाथ हुए और इनकी ताकत बढ़ गई
इन लोगों ने सैन्य मुहिम चलाई और पांचवी शताब्दी तक ये इतने ताकतवर हो गए कि इन्होंने सीरीया, फिलिस्तीन और येरुशलम पर भी हमला किया
जब यहां इस्लाम का उदय हुआ तो इस इलाके में मुस्लिम खलीफाओं का कब्जा हो गया
इस्लामिक खलिफाओं के बाद अरब पर मिस्र और ऑटोमन साम्राज्य ने राज किया था
खिलाफत-ए-राशिदा खत्म होने के बाद इस्लामिक साम्राज्य बगदाद और दमिश्क में शिफ्ट हो गया
साल 1557 में सऊदी अरब के एक हिस्से पर तुर्कों का कब्जा हो गया था. तुर्कों का सुलतान खुद को मक्का का रक्षक कहता था
सऊदी अरब में आज जिस हाउस ऑफ सऊद का शासन है, उसकी शुरुआत साल 1744 में हुई थी. उस वक्त सऊदी में ओटोमान साम्राज्य था
सऊदी अरब के एक इलाके में कबिलियाई शासन चलता था, जिसके लीडर मोहम्मद बिन सऊद थे, जो ऑटोमन साम्राज्य से आजादी चाहते थे
ऑटोमन और मोहम्मद बिन सऊद के बीच साल 1811 से 1818 तक जंग चली, जिसमें मोहम्मद बिन सऊद की जीत हुई और मक्का मदीना का कंट्रोल उनके पास आ गया