संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जलवायु संकट को लेकर एसओएस जारी करते हुए समुद्र को बचाने की बात कही है. इसका नुकसान भारत और अमेरिका समेत कई देशों को भुगतना पड़ सकता है
जलवायु परिवर्तन रिपोर्ट के मुताबिक, सदी के अंत तक भारत के 12 शहर पानी में डूब सकते हैं
रिपोर्ट में कहा गया कि सदी के अंत तक मुंबई, चेन्नई, कोच्चि और विशाखापत्तनम जैसे शहर करीब तीन फीट तक पानी में डूब सकते हैं. ये सभी शहर समुद्र के किनारे बसे हैं
साल 1900 के बाद से समुद्र के स्तर में 15 सेमी की बढ़ोतरी देखी गई है
गुआम और कुक द्वीप में बाढ़ की संभावना बढ़ी. 1980 के बाद से गुआम में एक साल में 22 बार बाढ़ आने की संभावना पैदा हो गई है, पहले साल में दो बार बाढ़ आती थी. कुक द्वीप में अब प्रति वर्ष 43 बार बाढ़ आ सकती है
तटीय शहरों को लेकर किए गए विशलेषण के अनुसार अगले 26 सालों में अमेरिका के दो दर्जन तटीय शहरों में रहने वाले 50 लोगों को भारी बाढ़ से परेशानी हो सकती है
अमेरिका में समुद्री के किनारे बसे 32 में से हर साल 24 शहर हर साल करीब दो मिलीमीटर पानी में डूब रहे हैं
नासा ने आईपीसीसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि अब 21वीं सदी के अंत तक हर साल समुद्री तटीय कटाव हो सकता है, जो 100 साल में एक बार हुआ करता था
समुद्र का तापमान भी तीन गुणा तेजी से बढ़ रहा है. इस वजह से मरीन इकोसिस्टम, जीवों के रहने में दिक्कतें और बायोडाइवर्सिटी को नुकसान जैसी समस्याएं भी सामने आ रही हैं