यहां पैरों से पति को खाना खिलाती है पत्नी, जानें क्यों?

Published by: एबीपी लाइव डेस्क
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देश के कई राज्यों में थारू समुदाय के लोग रहते हैं. थारू समुदाय में एक परंपरा है कि पत्नी पत को पैरों से खाना खिलाती हैं. थारू समुदाय का इतिहास 10वीं शताब्दी पुराना है

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थारू समुदाय के लोग थार रेगिस्तान में रहते थे. समय के साथ ये लोग उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा नेपाल में जाकर बस गए

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इस समुदाय में शादी को लेकर अनोखी परंपराएं हैं. एक परंपरा यह है कि शादी होने के बाद महिलाएं अपने पति को पैरों से खाना परोसती हैं

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शादी तय करते वक्त लड़के वाले लड़की के घर जाते हैं. शादी तय होने के बाद लड़की के हाथ में 5 या 11 रुपये देते हैं

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तिलक होने के बाद दूल्हे का खंजर और पगड़ी से श्रृंगार किया जाता है. इसके अलावा लड़का साखू के पेड़ की पूजा करने के लिए जंगल जाता है, जिसमें दही, अक्षत और सिंदूर का इस्तेमाल होता है

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पूजा के बाद दूल्हा लकड़ियां इकट्ठा करता है, जिसका उपयोग शादी के दिन लावा भूनने में होता है

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थारू समुदाय में सगाई की रस्म को अपना पराया या खनौरी कहा जाता है. इस दिन शादी की तारीख तय की जाती है

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पहनावे की बात करें तो महिलाएं लहंगा और चुनरी पहनती हैं. पुरुष धोती-कुर्ता और गमछा पहनते हैं

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टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में थारू समुदाय के लोग बिना दहेज के शादी करते हैं

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