इस्लाम में ईशनिंदा की क्या है सजा?

Published by: एबीपी लाइव डेस्क
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इस्लाम धर्म में ईशनिंदा के अपराध के लिए चार तरह की सजा बताई गई हैं

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पाकिस्तान के इस्लामिक विचारधारा परिषद (CII) के अध्यक्ष डॉ रागिब हुसैन नैमी ने बताया है कि इन चार सजाओं में से मौत की सजा सिर्फ पैगंबर के अपमान पर दी जाती है

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रागिब हुसैन ने बताया कि ईशनिंदा पर मृत्युदंड, आजीवन कारावास, सात साल और तीन साल की कैद की सजा बताई गई है

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रागिब हुसैन का कहना है कि इस्लामिक कानून में इस्लाम के पैगंबर की ईशनिंदा करने पर मृत्युदंड की सजा बताई गई है, लेकिन कुरान का अपमान या इस्लाम से जुड़े अन्य अपराध के लिए ऐसा नहीं है

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उन्होंने कहा कि कई ऐसे धार्मिक समूह हैं जो सभी ईशनिंदा के लिए मौत की सजा बताते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है

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उन्होंने बताया कि कुरान के अपमान पर आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है

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उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को ईशनिंदा पर फतवा जारी करने का अधिकार नहीं है

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रागिब हुसैन ने बताया कि आज के समय में कई मौलवी ऐसे हैं जो ईशनिंदा को मुद्दा बनाकर जनता को भड़काने का काम करते हैं

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रागिब हुसैन ने ईशनिंदा के बारे में बात करते हुए यह भी बताया कि किसी भी व्यक्ति को दूसरे इंसान की जान लेने का अधिकार शरिया कानून भी नहीं देता

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