इस्लामिक कानून में चार गुस्ताखियों के लिए सख्त सजा लिखी गई हैं

Published by: एबीपी लाइव डेस्क
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क्या है कानून

इन जुर्म के लिए मौत से लेकर उम्रकैद तक की सजा मिल सकती है

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इस्लामिक काउंसिल के अध्यक्ष ने क्या बताया?

पाकिस्तान के इस्लामिक विचारधारा परिषद (CII) के अध्यक्ष डॅा रागिब हुसैन नईमी ने इस्लाम के कानून और नियमों के बारे में बताया है

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मौत और उम्रकैद की सजा

डॅा रागिब हुसैन ने बताया कि इस्लाम के पैगंबरों के परिवार और साथियों, कुरान की ईशनिंदा करने वालों को कठोर सजा मिल सकती है

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मौत की सजा

उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति इस्लाम के पैगंबर के लिए गलत भाषा का इस्तेमाल करता है तो कानून में उस शख्स के लिए मौत की सजा बताई गई है

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सात साल की कैद

डॉ. नईमी ने कहा कि किसी शख्स ने पैगंबर के परिवार के सदस्यों के लिए गलत भाषा का इस्तेमाल किया तो सात साल की सजा हो सकती है

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पैगंबर के साथियों के अपमान पर सजा

पैगंबर के साथियों के लिए अभद्र भाषा का उपयोग किया तो उसे सात साल की कैद होगी

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आजीवन कारावास

डॅा रागिब ने बताया कि इस्लाम धर्म की सबसे पवित्र किताब कुरान का अपमान करने वाले व्यक्ति को अपना पूरा जीवन जेल में बिताना होगा

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मौत की सजा नहीं

डॅा रागिब हुसैन ने यह भी कहा कि कानून में पैगंबर के अपमान पर ही मौत की सजा मिल सकती है, ईशनिंदा के किसी और जुर्म में ऐसा नहीं है

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धार्मिक समूह इस्लामिक कानून को लेकर क्या कहता हैं?

उन्होंने यह भी बताया कि कई धार्मिक समूह ऐसे हैं जो चारों अपराधों के लिए मौत की सजा बताते हैं. डॉक्टर रागिब ने इसको गलत बताया और कहा कि ये समूह कानून को अपने हिसाब से तोड़-मरोड़कर लोगों के सामने पेश करते हैं

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