कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है आज कश्मीर में सबसे ज्यादा आबादी मुसलमानों की है द प्रिंट के मुताबिक, कश्मीर में इस्लाम की शुरुआत 14वीं ईस्वी में हुई, लेकिन इस्लाम से पहले यहां क्या था आइए जानते हैं कश्मीर को मध्यकाल के दौरान शैववाद, वैष्णववाद और बौद्धों का केंद्र माना जाता था प्राचीन कश्मीर की जानकारी हमें कल्हाण द्वारा 12वीं शताब्दी में लिखी किताब 'राजतरंगिणी' से मिलती है कल्हाण के मुताबिक, प्राचीन कश्मीर के राजा और मंत्री भ्रष्टाचारी थे राजा की कूट नीतियों के चलते कश्मीर के लोगों को अत्याचार, प्रताड़ना और भूखमरी का सामना करना पड़ता था किताब में बताया गया कि एक राजा था हर्ष, जिसने कश्मीर में स्थित मंदिरों को लूटा था मंदिरों को लूटकर इसका उपयोग शक्तिशाली सेना बनाने में किया जाता था राजा इस शक्तिशाली सेना का इस्तेमाल उन रईसों के खिलाफ करते थे जो उनकी बात नहीं मानते थे