भारत में हिंदुओं के बाद सबसे ज्यादा आबादी मुसलमानों की है



मुसलमानों का फर्टिलिटी रेट हिंदुओं के मुकाबले ज्यादा है, लेकिन कुछ सालों में इसमें बदलाव देखा गया. अलग-अलग समय पर तीन सालों में देखा गया कि हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों में फर्टिलिटी रेट कम था



पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया नाम के एनजीओ के मुताबिक, 2005-06 और 2019-21 के बीच भारत में सभी धर्म के लोगों के फर्टिलिटी रेट में गिरावट आई



इस दौरान सबसे ज्यादा गिरावट मुसलमानों के फर्टिलिटी रेट में देखी गई



2005 से 2006 और 2019 से 2021 के दौरान मुसलमानों का फर्टिलिटी रेट 1 पॉइंट गिर गया



इस पीरियड में हिंदुओं के फर्टिलिटी रेट में 0.7 पॉइंट की कमी देखी गई, जो मुसलमानों मुकाबले कम थी



1981-2011 के बीच तीन दशकों में भारत में मुस्लिम पॉपुलेशन ग्रोथ रेट में 8.3 फीसदी की कमी आई है, जबकि हिंदुओं में 5.9 फीसदी की गिरावट हुई



एनजीओ के मुताबिक, पिछले तीन दशकों में भारत में मुस्लिम फर्टिलिटी रेट में गिरावट हुई है



साल 1981 से 1991 के बीच मुस्लिमों का ग्रोथ रेट 32.9 फीसदी था जो 2001-2011 के बीच घटकर 24.6 फीसदी रह गया



1981-91 के बीच 10 सालों में हिंदुओं की वृद्धि दर का आंकड़ा 22.7 फीसदी था जो कि घटकर 2001-11 के बीच 16.8 फीसदी रह गया