लंदन के विक्टोरिया एंड एलबर्ट म्यूजियम में एशिया की कई बेशकीमती चीजें रखी हैं इनमें कोहीनूर तो है ही साथ एक और नायाब हीरा है, जिसका नाम है- दरिया-ए-नूर दरिया-ए-नूर को कोहीनूर का भाई भी कह सकते है, क्योंकि दोनों ही आंध्र प्रदेश की कोल्लूर खान से निकले हैं दरिया-ए-नूर ने खिलजियों और मुगलों से लेकर ईरान के कई राजाओं की शान बढ़ाई. किसी ने बाजूबंद में तो किसी ने अपनी टोपी में इसे लगवाया दरिया-ए-नूर कई लोगों के पास रहा. सबसे पहले इसे काकतीय वंश ने निकलवाया और उनसे खिलजियों ने लूट लिया खलिजियों से यह मुगलों के पास और फिर यहां से ईरान पहुंच गया इसका रंग हलका गुलाबी और वजन 182 कैरेट है दरिया-ए-नूर दो शब्दों से मिलकर बना है. दरिया का मतलब सागर और नूर का मतलब रोशनी यानी रोशनी का सागर ब्रिटिश म्यूजियम का एक पूरा भाग भारत की चीजों से ही भरा हुआ है म्यूजियम में आंध्र प्रदेश के अमरावती के स्तूप को रखा गया है. यहां सिंधु घाटी, मोहेनजोदारो और हड़प्पा सभ्यता के अवशेष भी मौजूद हैं