जब भी दिल्ली की बात होती है तो चांदनी चौक का जिक्र जरूर होता है. क्या आप जानते हैं कि इस चौक का इतिहास कितना पुराना है



चांदनी चौक मुगलों के जमाने से प्रसिद्ध है और उसी दौर में इसे बनवाया गया था



चांदनी चौक को मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी बेटी जहांआरा के लिए बनवाया था



चांदनी चौक 1650 में बनकर तैयार हुआ था और इसकी लंबाई 1400 मीटर और चौड़ाई 50 थी



शाहजहां की बेटी एक कुशल आर्किटेक्टी थीं. जब दिल्ली में बाजार बनाने की बात आई तो जहांआरा ने इसे बनवाने का फैसला किया



लाल किले के सामने बसे इस चांदनी चौक में 1560 दुकानें हुआ करती थीं और इसमें दुनिया भर का सामान बिकता था



कहा जाता है कि यहां पर चांदी की खूब बिक्री हुआ करती थी. इसी वजह से इसका नाम चादंनी चौक पड़ गया



आगरा की जामा मस्जिद को भी जहांआरा ने ही बनवाया था



ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार ये चौक उस समय का सबसे सुंदर और सबसे बड़े बजारों में से एक था



चांदनी चौक के बारे में एक यात्री ने कहा था कि चांदनी चौक में इतने प्रकार चीजें की मिलती हैं कि करोड़ों का खजाना भी इसके सामने कुछ नहीं