हिंदुस्तान पर दूसरी से छठी शताब्दी तक हूण के अलग-अलग समुदायों ने भी राज किया है



किदाराईट हूण भारत में बसने वाले सबसे पहले हूण थे. हूण एक प्रकार के नहीं थे. ये अलग-अलग तरीके के होते थे.



हूण मध्य एशिया में रहने वाले कबीले थे. जब इनकी संख्या बढ़ी तो कुछ यूरोप की तरफ गए और कुछ ने पूर्व में भारत का रुख किया



किदाराईट हूणों की क्रूरता के बाद हैप्थालाईट हूण, ऐलकन हूण, नेजक हूण और श्वेत हूण सहित उत्तर भारत में हराव हूणों ने लगभग पूरे हिंदुस्तान पर अपना हक जमा लिया था



किदाराई हूणों को यह नाम उनके राजा किदार से मिला था



किदाराईट हूण साइबेरिया से कांधार होते हुए पंजाब के रास्ते से हिंदुस्तान के अंदर घुसते थे. चीन की किताब द बुक ऑफ वू में इसका जिक्र मिलता है



इनके राजा किदार ने अपनी फौज बनाई और हिंदकुश को पार करके उत्तर भारत पर हमला कर दिया



हूणों का कांधार समेत उत्तर भारत के पांच राज्यों पर कब्जा था. यूपी और गुजरात में हूणों के आक्रमण के सबूत भी मिले हैं



किदाराईट हूणों के बाद भारत में एलकन हूणों ने कब्जा किया



कश्मीरी इतिहासकार कलहण ने राजतरंगिनी में एलकन हूणों के सबसे ताकतवर राजा मिहिरकुल का जिक्र किया है, जिसने बौद्धों का दमन किया और लूटपाट मचाई