धर्म परिवर्तन करना चाहते थे अंबडकर, पर मुस्लिम क्यों नहीं बने?
Published by: एबीपी न्यूज़ डेस्क
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डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म हिंदू समुदाय में हुआ था, लेकिन वह अपना धर्म परिवर्तन करना चाहते थे
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बीबीसी के अनुसार भीमराव अंबेडकर ने धर्म परिवर्तन के लिए इस्लाम पर भी विचार किया था, लेकिन इसे कभी अपनाया नहीं था.
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रिपोर्ट में बताया गया कि भीमराव के हिसाब से इस्लाम में भी हिंदू धर्म की तरह जातियों के बीच ऊंच नीच का भेद होता है.
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इलाहाबाद के गोविंद बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के प्रोफेसर बद्री नारायण ने बीबीसी को बताया कि भीमराव अंबेडकर इस्लाम धर्म की कई कुरितियों के खिलाफ थे.
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उन्होंने बताया कि भीमराव दलितों के हक और जातिवाद से जुड़े मामलों में इस्लाम धर्म को हिंदू धर्म से अलग नहीं मानते थे.
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बद्री नारायण ने बताया कि भीमराव अंबेडकर मानते थे कि इस्लाम में भी दलितों की दशा कोई खास अच्छी नहीं थी. इसके लिए वह दास प्रथा को काफी हद तक जिम्मेदार मानते थे.
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इसके अलावा अंबेडकर इस्लाम में महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंतित थे. वह एक से ज्यादा शादी की प्रथा के खिलाफ थे. उनका मानना था कि इस प्रथा में स्त्रियों का शोषण और दमन होता है.
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दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर शम्सुल इस्लाम ने बताया कि अंबेडकर के हिसाब से इस्लाम धर्म में भी दलितों को बराबरी का हक नहीं मिल पाएगा.
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भीमराव अंबेडकार के अनुसार देश में इस्लाम और हिंदू धर्म के दलित जब ऊंची जाति की राजनीति से मुक्त हो जाएंगे तब ही भारत का विकास होगा.