काफी समय पहले हज के लिए इंडियन करेंसी का ही इस्तेमाल होता था लेकिन फिर इसको बंद कर दिया गया



हज के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया गल्फ करेंसी जारी करता था. आइए जानते हैं फिर इसको बंद क्यों कर दिया गया



भारत में पहले सोने की तस्करी की जाती थी जिसे रोकने के लिए रिर्जव बैंक ने एक गल्फ नोट नाम की करेंसी जारी की थी, जिसे बाहरी रुपया भी कहते थे



उस समय भारत से बड़ी संख्या में लोग हज जाया करते थे, जो यात्रा के लिए इसी गल्फ नोट का इस्तेमाल करते थे



सरकार को ऐसा लगता था कि हज यात्रा में उपयोग होने वाला पैसा सोने की तस्करी में भी इस्तेमाल हो सकता है



इस वजह से रिर्जव बैंक ने हज पर ले जाने वाले नोट बंद करके दो नए नोट निकाले



उन नोटों को हज नोट के नाम से जाना जाता था. सरकार ने एक 10 का और दूसरा 100 का नोट जारी किया था



इन नोटों का रंग भारतीय नोटों से अलग रखा गया था और हर नोट के सीरियल नंबर के आगे HA लिखा होता था



कुछ समय बाद भारतीय हज नोट को भी बंद कर दिया गया, जिसका कारण इंदिरा गांधी से जुड़ा हुआ है



साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारतीय रुपये की वैल्यू 57 फीसदी तक गिरा दी थी, जिसकी वजह से हज नोट के साथ कई देशों ने भारतीय करेंसी यूज करना बंद कर दिया