ताकतवर सेना, मोसाद, आयरन डोम... तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो नहीं जीत पाएगा इजरायल? जानें WW2 में क्या हुआ था
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ताकतवर सेना, मोसाद, आयरन डोम... तीसरा विश्व युद्ध हुआ तो नहीं जीत पाएगा इजरायल? जानें WW2 में क्या हुआ था

Published by: एबीपी लाइव डेस्क
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पहले हमास और अब इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जंग छिड़ी हुई है. इजरायल लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रहा है. वहीं, ईरान भी बीच में कूद गया है उसने इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें दाग दीं. इस सबके बीच तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा भी तेज होने लगी है
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पहले हमास और अब इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जंग छिड़ी हुई है. इजरायल लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले कर रहा है. वहीं, ईरान भी बीच में कूद गया है उसने इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें दाग दीं. इस सबके बीच तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा भी तेज होने लगी है

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इजरायल के पास आयरन डोम जैसे आधुनिक हथियार हैं और इजरायली सेना  दुनिया की सबसे ताकतवर आर्मी में से है इसलिए इजरायल की स्थिति काफी मजबूत मानी जाती है. इसी तरह वर्ल्ड वॉर टू के वक्त फ्रांस की आर्मी सबसे ज्यादा शक्तिशाली थी, फिर भी वह हार गई. आइए जानते हैं क्यों
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इजरायल के पास आयरन डोम जैसे आधुनिक हथियार हैं और इजरायली सेना दुनिया की सबसे ताकतवर आर्मी में से है इसलिए इजरायल की स्थिति काफी मजबूत मानी जाती है. इसी तरह वर्ल्ड वॉर टू के वक्त फ्रांस की आर्मी सबसे ज्यादा शक्तिशाली थी, फिर भी वह हार गई. आइए जानते हैं क्यों

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जर्मनी और सोवियत यूनियन ने सितंबर 1939 में पोलैंड पर कब्जा कर लिया. इसके बाद ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बीच युद्ध शुरु हुआ
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जर्मनी और सोवियत यूनियन ने सितंबर 1939 में पोलैंड पर कब्जा कर लिया. इसके बाद ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी के बीच युद्ध शुरु हुआ

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पोलैंड पर कब्जा करने की वजह से जर्मनी के सैनिक थक गए थे. उनके टैंक्स और ग्राउंड व्हीकल भी खराब हो चुके थे

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दूसरी तरफ यूरोप की सबसे बेस्ट और ताकतवर सेना फ्रेंच आर्मी के पास एक से बढ़कर एक हथियार मौजूद थे

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युद्ध के दौरान फ्रेंच आर्मी के तीन हजार टैंक जर्मन के नॉर्थईस्ट बॉर्डर पर तैनात किए गए थे. इसके बावजूद फ्रांस की सेना ने हमला नहीं किया

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फ्रांस को लगता था कि जर्मनी के सैनिक फ्रांस के डिफेंसिव फॉर्मेशन को नहीं तोड़ पाएंगे. इस वजह से वह हमला करने की बजाय अंडरग्राउंड बंकर्स बनाकर चुपचाप बैठ गए

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इधर जर्मनी ने तरकीब लगाकर फ्रांस पर डायरेक्ट हमला करने की जगह लुफ्तवाफे (जर्मन एयरफोर्स) को डेनमार्क और नॉर्वे पर अटैक करने भेज दिया

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जर्मनी ने डेनमार्क और नॉर्वे को कब्जे में लेने के बाद पैराशूट बटालियन की मदद से बेल्जियम और हॉलैंड पर हमला कर दिया. यहां भी ब्रिटेन और फ्रांस आर्मी हार गई

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इस बीच फ्रांस के जासूस को बेल्जियम की दक्षिण इलाके की तरफ से खबर मिली कि मिलिट्री ट्रैफिक और टैंकों का झुंड जर्मनी से ऑर्डिन की तरफ जा रहा है

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इस बात को फ्रेंच फोर्सेस के कमांडर जनरल मॉरिस गैमलिन ने नजरअंदाज कर दिया. वहीं, जर्मनी की सेना नदी और जंगलों को पार करते हुए 60 हजार सैनिक, 22 हजार गाड़ियां और 850 टैंक्स के साथ फ्रांस की सीमा के अंदर पहुंच गई

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जर्मन फौज ने ब्रिटिश एक्सपीडिशनरी फोर्स और फ्रेंच आर्मी को हर तरफ से घेर लिया. फ्रांस के सभी डिफेंसिव सिस्टम को जर्मनी ने अपने हवाई हमलों से बर्बाद कर दिया

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इसके बाद बस दो दिन के अंदर जर्मनी की सेना पैदल चलकर और रातों को बिना सोए सूडान पहुंच गई. ऑपरेशन ब्लिट क्रीक के जरिए जर्मनी ने फ्रांस पर कब्जा कर लिया

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