पहले भाप, डीजल और इलेक्ट्रिक के बाद अब गैस से ट्रेन चलाने की तैयारी हो रही है



भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन ट्रेन को दिसंबर 2023 के अंत में चलाने का प्लान किया है



वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के बजट में रेलवे 2.40 लाख करोड़ रुपये एलान के बाद अश्विनी वैष्णव ने हाइड्रोजन ट्रेन की घोषणा की थी



​अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हाइड्रोजन ट्रेन को कालका-शिमला जैसे ​हेरिटेज जगहों के लिए चलाया जाएगा



यह ट्रेन हाइड्रोजन ग्रीन एनर्जी फ्यूल से चलेगी और देश के 35 जगहों के लिए चलाई जाएगी



रेलमंत्री ने बताया कि इसके लिए 80 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है



भारत से पहले चीन और जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन किया जाता है



हाइड्रोजन ट्रेन के चलने से यात्रा किराया और अन्य चीजों से राहत मिलेगी और यह अन्य खर्च से सस्ती हो सकती है



हाइड्रोजन ट्रेन की स्पीड जर्मनी में 2018 के दौरान 1000 किलोमीटर तक 140 केजी प्रति घंटे पर की गई थी



हाइड्रोजन ट्रेन पर्यावरण को सुरक्षित रखेगा साथ ही यात्रा का एक अलग अनुभव देगा