इस्लाम की पहली जंग 17वें रमजान को लड़ी गई थी

जिसको जंग-ए-बद्र के नाम से जाना जाता है

यह जंग 13 मार्च सन् 624 को लड़ी गई

ये बुराई के खिलाफ लड़ी गई थी

दरअसल मदीना शहर से 200 किलोमीटर दूर बदर नाम का कुआं था

इस वजह से उस पूरे क्षेत्र का नाम बदर पड़ गया

जंग-ए-बद्र भी यहीं लड़ी गई थी

इसमें मुसलमानों की तादाद केवल 313 और दुश्मनों की तादाद 1000 थी

इस जंग में मुसलमान बिना किसी हथियार के गए थे

इसके बावजूद भी मुसलमानों को अजीम फतह हासिल हुई