इस्लाम में मूर्तिपूजा क्यों मना है



इस्लाम में मूर्तिपूजा को माना जाता है शिर्क



शिर्क एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है साझा करना



इस्लाम में एक ईश्वर के अलावा किसी अन्य देवता को भागीदार नहीं बना सकते



कुरान की आयत (31:13) में किया गया है इसका जिक्र



जिसमें लिखा गया है कि अल्लाह के अलावा किसी और को साझी न ठहराना



कुरान में शिर्क (बहुदेववाद) को बताया गया है पूरी तरह से गलत



इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, इस्लाम का अर्थ ही अल्लाह के प्रति समर्पण होता है



यानी जो मुसलमान होता है जो अल्लाह के लिए खुद को समर्पित कर देता है



यही वजह है कि इस्लाम में मूर्ति पूजा मना है