शिया और सुन्नी क्यों अलग तरीके से मनाते हैं मुहर्रम



मुहर्रम शिया और सुन्नी मुस्लिम दोनों के लिए गम का महीना होता है



हजरत इमाम हुसैन की शहादत का गम शिया और सुन्नी दोनों ही मनाते हैं



लेकिन दोनों का मुहर्रम मनाने का तरीका अलग होता है



इस्लामिक मान्यता के मुताबिक, शिया लोग हजरत अली और हुसैन को खुद के अधिक करीब बताते हैं



जबकि सुन्नी लोग अबु बकर के करीबी माने जाते हैं



शिया मुस्लिम शहादत वाले दिन हुसैन की याद में खून बहाते हैं



सुन्नी मुस्लिम यौम ए आशूरा के दिन ताजिया निकालते हैं



मुहर्रम महीने में शिया महिलाएं-पुरुष रंगीन कपड़े नहीं पहनते



जबकि सुन्नी लोग ऐसा नहीं करते हैं