ईसाई, यहूदी और मुसलमान यरूशलम को अपना पवित्र स्थान मानते हैं

तीनों की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं

इसके पूर्व हिस्से पर इजरायल का कब्जा है

वह इसे अपनी राजधानी बताता है

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसके इस दावे को मान्यता प्राप्त नहीं है

फलस्तीन की मांग करने वाले इसे अपनी राजधानी बनाना चाहते हैं

ईसाईयों का मानना है कि ईसा मसीह को इसी शहर में सूली पर चढ़ाया गया था

मुसलमानों का कहना है कि पैगंबर मोहम्मद यहीं से जन्नत गए थे

यहूदियों का कहना है कि उनका फर्स्ट और सेकेंड टेंपल यहीं पर है

यहूदियों की सेकेंड टेंपल की आखिरी दीवार अभी भी यहां मौजूद है