बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की बुधवार (24 जनवरी, 2024) को 100वीं जन्म जयंती थी



कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री और एक बार उपमुख्यमंत्री रहे. सीएम पद पर रहते हुए भी उन्होंने हमेशा सादगी से जीवन जिया



कर्पूरी ठाकुर की सादगी और ईमानदारी के किस्से काफी मशहूर हैं. आज ऐसा ही एक किस्सा आपको सुना रहे हैं



राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने अपने लिए कुछ नहीं किया. घर तक नहीं बनाया



हरिवंश नारायण सिंह ने बताया कि एक बार कर्पूरी ठाकुर जी को घर बनाने के लिए 50 हजार ईंटें भेजी गईं



कर्पूरी ठाकुर ने इन 50 हजार ईंटों से मकान नहीं बनाया, बल्कि बच्चों के लिए स्कूल बनवा दिया. तो ऐसे थे कर्पूरी ठाकुर



कर्पूरी ठाकुर पहली बार अप्रैल 1952 में विधायक बने और इसके बाद वह कभी बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं हारे



जब वह शिक्षा मंत्री थे तब उन्होंने छात्रों की फीस खत्म कर दी थी. जिन खेतों पर से किसानों को मुनाफा नहीं होता था उन पर से मालगुजारी खत्म कर दी



साल 1988 में 17 फरवरी को जब वह 64 साल के थे तब दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई



कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पहले मंगलवार (23 जनवरी) को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया