प्रसिद्ध कथावाचक जया किशोरी जब 7 साल की थीं, तभी उनका आधात्यम से जुड़ाव हुआ. उनके प्रेरणादायक विचारों से आपका जीवन संवर जाएगा.

जिस दिन आप बुरे विचारों के ऊपर अच्छे विचारों को रख देंगे, उस दिन आपका आध्यात्मिक जीवन और भी बेहतरीन हो जाएगा.

किसी के पैरों में गिरकर कामयाबी पाने से बेहतर है, अपने पैरों पर चलकर कुछ बनने की ठान लो.

खुद से खुश रहना सीखो, दुखी करने को तो दुनिया ही काफी है.

परोपकार करना, दूसरों की सेवा करना और उसमें जरा भी अहंकार न करना, यही सच्ची शिक्षा है.

कुछ देने के लिए दिल बड़ा होना चाहिए, हैसियत नहीं.

कोशिश ऐसी करो कि पहाड़ भी हिल जाए और भगवान को आपको वो देना पड़े जो आप चाहते हैं.

परोपकार करना, दूसरों की सेवा करना और उसमें जरा भी अहंकार न करना, यही सच्ची शिक्षा है.

सफल होने के लिए जीनियस होना जरूरी नहीं है, बल्कि लक्ष्‍य तय करके ईमानदारी से लगातार कोशिश करना जरूरी है.

तुमसे नहीं होगा, बस इसी बात को पलटना है.