कलाकार सिर्फ तारिफ का भूखा होता है... पैसे का नहीं
एक विधवा स्त्री उस मोमबत्ती की तरह होती है जिस में धागा नहीं होता ...और ऐसी मोमबत्ती आग से पिघल तो सकती है लेकिन जला नहीं सकती
रेगिस्तान चाहे कितना ही बड़ा हो ... उससे ज्यादा वजान उस मुट्ठी भर मिट्टी का होता है ...
जालिम बहुत कंगाल होते हैं ... वो मौत के अलावा और कुछ नहीं दे सकते
औरत चाहे मां हो, बहन हो या बेटी हो...उसके भाग्य में रोना ही लिखा है ...