झारखंड के गढ़वा जिले के नगर उंटारी में बंशीधर मंदिर स्थापित है

इसे बाबा बंशीधर के नाम से जाना जाता है

इस मंदिर में 32 मन यानी 1280 किलोग्राम शुद्ध सोने से बनी भगवान कृष्ण और राधा मां की प्रतिमा स्थापित है

बता दें, नगर उटारी राजपरिवार के सदस्य राजेश प्रताप देव हैं

उन्होंने बताया हर साल की तरह इस साल भी ट्रस्ट की ओर से जन्माष्टमी पर सात दिवसीय भागवत कथा का आयोजन हो रहा है

राजेश प्रताप देव ने कहा कि जन्माष्टमी के मौके पर यहां पर हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं

ऐसे में आइए आज जान लेते हैं इस इस मंदिर का इतिहास

माना जाता है इस मंदिर का निर्माण 1885 में नगर उंटारी के महाराज भवानी सिंह की विधवा रानी शिवमानी कुंवर द्वारा हुआ

रानी ने एक बार कृष्णाष्टमी का व्रत किया था और उसी रात भगवान ने उन्हें दर्शन दिए

इसके बाद सपने में ही भगवान ने कहा कि कनहर नदी के किनारे शिवपहरी पहाड़ी में उनकी प्रतिमा गड़ी है

कृष्ण ने रानी से यह प्रतिमा लाने के लिए कहा सपने में ही रानी को उस प्रतिमा के दर्शन भी हुए

इस सपने के बाद सुबह रानी अपने सेना के साथ उस पहाड़ी पर गईं और खुदाई करके वहां से प्राप्त भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा लेकर आ गईं

मुगल बादशाद औरंगजेब की सबसे बड़ी बेटी जेबुन्निसा भी यहां की भक्त थीं

जेबुन्निसा कृष्ण भक्ति में काफी लीन रहती थी साथ ही उन्होंने कृष्ण भक्ति में कई सारी रचनाएं लिखीं.