इस्लाम धर्म में नमाज की काफी अहमियत होती है मुस्लिमों में एक दिन में पांच बार नमाज पढ़ना जरूरी होता है ये नमाज अलग-अलग समय अदा की जाती है इन सब में शुक्रवार की खास अहमियत है इसे जुमे की नमाज कहा जाता है जुमे के दिन को अल्लाह के दरबार में रहम का दिन माना जाता है जुमे का मतलब जमा होना यानी एकत्र होना होता है इस दिन को एक-दूसरे के साथ जुड़ने का दिन बताया गया है ये एकसाथ मिल-जुलकर पढ़ी जाती है इस दिन हर मस्जिद के इमाम लोगों को एक पैगाम देते हैं