सावन के महीने में कावंड़ यात्रा का विशेष महत्व है

शास्त्रों के अनुसार कांवड़ यात्रा के तीन प्रकार हैं

पहला है सामान्य कांवड़ यात्रा

इसमें कांवड़िया बीच में रुककर आराम करते हुए यात्रा को पूरा कर सकता हैं

दूसरा है डाक कांवड़ यात्रा (Dak Kanvar)

इस यात्रा में कांवड़िया बिना रके भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं

इस यात्रा में कांवड़िया आराम नहीं कर सकता है

तीसरा है दांडी कांवड़ यात्रा (Dandi Kanwar)

इसमें कांवड़िया नदी तट से शिवमंदिर तक दंड विधि में यात्रा पूरी करता है

इस यात्रा में कांवड़िये को एक महीने से भी ज्यादा का समय लग सकता है