इस नदी का नाम है कर्मनाशा (Karmanasa river)

यह उत्तर प्रदेश और बिहार में बहती है

दोनों ही राज्यों के लोग इस नदी को छूने से भी डरते हैं

इसके पीछे एक पौराणिक कथा बताई जाती है

राजा हरिशचंद्र के पिता सत्यव्रत को शरीर के साथ स्वर्ग जाना था

विश्वामित्र ने अपने तप से उनकी इच्छा पूरी कर दी

इससे इंद्रदेव क्रोधित हो गए

उन्होंने राजा सत्यव्रत को धरती पर वापिस भेज दिया

मगर विश्वामित्र ने राजा को स्वर्ग और धरती के बीच में ही रोक दिया

विश्वामित्र ने देवताओं से युद्ध किया

तब तक सत्‍यव्रत आसमान में उल्‍टे लटके हुए थे

उनके मुंह से टपक रही लार से कर्मनाशा नदी बन गई

गुरु वशिष्‍ठ ने सत्‍यव्रत को चांडाल होने का श्राप दिया था

इलसिए लार से बनी यह नदी शापित मानी जाती है