भारत की कर्मनाशा नदी को शापित माना जाता है

इंसान ही नहीं बल्कि कोई जानवर और पक्षी भी इसका पानी छूते नहीं हैं

ये बिहार और उत्तर प्रदेश में बहती है

कहा जाता है कि इसके पानी को छूने से 7 पीढ़ी के पुण्य नष्ट हो जाएंगे

पौराणिक कथा के मुताबिक, राजा सत्यव्रत को शरीर के साथ स्वर्ग जाना था

विश्वामित्र ने अपने तप से उनकी इच्छा पूरी कर दी

इस पर इंद्रदेव क्रोधित हो गए और सत्यव्रत को धरती पर वापिस भेज दिया

तब विश्वामित्र ने राजा को स्वर्ग और धरती के बीच में ही रोक दिया

आसमान में उल्‍टे लटके हुए सत्‍यव्रत की लार से कर्मनाशा नदी बन गई

इस प्रकरण पर सत्‍यव्रत को चांडाल होने का श्राप दिया गया था

इलसिए सत्‍यव्रत की लार से बनी यह नदी शापित मानी जाती है