खाटू श्याम पांडवों में भीम के पोते घटोत्कच के पुत्र थे.
इनका नाम बर्बरीक था.


राजस्थान के सीकर जिले में बाबा खाटू श्याम का
प्राचीन व प्रसिद्ध मंदिर है.


खाटू श्याम को भक्त ‘हारे का सहारा’ कहते हैं. इसका संबंध
महाभारत युद्ध से जुड़ा है.


खाटू श्याम यानी बर्बरीक ने अपनी मां मौरवी की आज्ञा से
महाभारत युद्ध में हिस्सा लिया.


मौरवी को आभास हो रहा था कि कौरवों की सेना अधिक होने पर
पांडव युद्ध हार सकते हैं.


तब मां ने बर्बरीक से कहा कि तुम वचन दो कि जो युद्ध में हारे
तुम उसका साथ दोगे.


खाटू श्याम ने मां को वचन दिया कि महाभारत युद्ध में जो हारेगा
मैं उस पक्ष का साथ दूंगा.


यही कारण है कि बाबा खाटू श्याम को हारे का सहारा
कहा जाता है.