दिल्ली में वैसे तो बहुत सारे किले हैं, लेकिन पुराने किले में ऐसी कई बातें हैं, जो उसे खास और सबसे अलग करती हैं

प्रगति मैदान के पास मौजूद इस जगह से 3 हजार साल से भी ज्यादा समय पहले दिल्ली पर राज किया गया था

इसके बाद से यह लगातार आबाद रही है

पुराने किले को 16वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने बनवाया था

मगर, इससे ढाई साल हजार साल पहले से लोग यहां रहते थे

ऐसा कहा जाता है कि पांडवों की राजधानी इंद्रप्रस्थ यहीं थी

उन्होंने सोने के पिलर और कीमती पत्थरों से अपने महल बनवाए थे

चित्र वाले भूरे रंग के बर्तनों के अवशेष करीब-करीब हर खुदाई में पुराने किले से मिले हैं

ये करीब 1000 ईसा पूर्व के थे, इससे पुराने किले से पांडवों का संबंध मजबूत होता है

इसके अलावा, 7-8 शासकों के समय की निशानी इस किले से मिली है

इतिहासकारों का मानना है कि शेरशाह सूरी (1538-45) ने दीनपनाह नगर में तोड़फोड़ की, जिसे मुगल बादशाह हुमायूं ने बनवाया था

इसी जगह उन्होंने किला बनवाया जो पुराना किला के नाम से जाना जाता है