किरंदुल- कोत्तवलसा (केके) रेलमार्ग करीब 70 साल पुराना है

छत्तीसगढ़ का बस्तर अपने प्राकृतिक खूबसूरती के लिए पूरे देश मे जाना जाता है

यहां की खूबसूरत वादियों का नजारा देखते ही बनता है

यही वजह है कि नये साल के मौके पर बस्तर के पर्यटन स्थलों को देखने बड़ी संख्या में पर्यटक देश दुनिया से पहुंच रहे हैं

ट्रेन के जरिए पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बिहार से पहुंचने वाले पर्यटक रेलवे मार्ग पर पड़ने वाली अजीबोगरीब 56 टनल देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं

विशाखापट्टनम से जगदलपुर के बीच 300 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग में अनंतगिरी की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला पड़ती है

इस रेल मार्ग से पर्यटक जगदलपुर पहुंचते है, जहां 300 किलोमीटर के सफर में 66 टनल पड़ते हैं

हरी-भरी वादियां, ऊंचे पहाड़ से गुजरती ट्रेन से खूबसूरत वादियों का नजारा देखने को मिलता है

यही वजह है कि इस रेलमार्ग से बड़ी संख्या में पर्यटक बस्तर में नए साल का जश्न मनाने के लिए पहुंच रहे हैं

बताया जाता है कि किरंदुल से कोत्तवलसा रेल मार्ग करीब 70 साल पुराना है

जगदलपुर से विशाखापट्टनम की रूट पर अनंतगिरी के पर्वत की ऐसी श्रृंखला है जिसे काटकर रेलवे ट्रैक बिछाया गया है

लगभग 9 घंटों का सफर पर्यटकों को रोमांच से भर देता है

यही वजह है कि हर साल लगातार इस रेल मार्ग से पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है