माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा मनाई जाती है.

साल 2024 में बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा बुधवार, 14 फरवरी को मनाई जाएगी.

बसंत पंचमी को वसंत पंचमी, सरस्वती पूजा, श्रीपंचमी और वागीश्वती जयंती के नाम से भी जाता है.

लोग बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा को एक समझते हैं. लेकिन यह एक ही है और नहीं भी.

जैसे कार्तिक अमावस्या ‘तिथि’ है, दिवाली ‘पर्व’ है और इस दिन लक्ष्मी पूजा होती है.

ठीक ऐसे ही बसंत पंचमी ‘तिथि’ है, जिसमें बसंत ऋतु का आगमन होता है और सरस्वती पूजा ‘उत्सव’ है.

दरअसल, माघ शुक्ल की पंचमी को ही देवी सरस्वती ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुईं थी.

इसलिए बसंत पंचमी का दिन देवी सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है.

उम्मीद है अब आप बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के बीच के अंतर या समानता दोनों समझ गए होंगे.