मुगल काल की सबसे बेशकीमती चीज है मयूर सिंहासन!



17वीं सदी में मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था ये सिंहासन



186 कैरेट के बेशकीमती कोहिनूर हीरें ने बढ़ाई इसकी शान



इस सिंहासन की कीमत ताजमहल से भी दोगुनी बताई जाती है



सिंहासन पर लगाए गए कई हीरे जवाहरात, इतने में बन जाते दो ताजमहल



मयूर सिंहासन का दूसरा नाम है तख्त-ए-ताउस जिसे बनने में लगे थे 7 साल



1739 तक रहा मुगल शासकों के पास रहा सिंहासन



इसके बाद ईरान के शासक नादेर शाह ने मुगलों पर हमला बोला और सिंहासन चुरा लिया



कई साम्राज्यों ने मयूर सिंहासन के नाम पर रखा अपने सिंहासनों का नाम



इतिहास में अलग-अलग समय पर मयूर सिंहासन के टुकड़े मिलने का किया गया दावा