हिंदू धर्म में मुख्य रूप से प्रात: काल और संध्या बेला में भगवान की पूजा आरती की जाती है.



सुबह की पूजा से शाम की पूजा के नियम अलग होते हैं.



आइए जानते है कि संध्याकाल में भगवान की पूजा के नियम क्या हैं?



शाम की पूजा में घंटी जरूर बजानी चाहिए.



भगवान को भोग लगाना चाहिए. साथ ही दीप प्रज्वलित जरूर करें.



संध्याकालीन पूजा के बाद जब दीपक बुझ जाए,



तो पूजा स्थान से दीपक और चढ़े हुए फूल माला हटा देने चाहिए.



इसके बाद पूजा घर के कपाट बंद कर देने चाहिए या पर्दा डाल देना चाहिए.



शाम की पूजा के लिए सूर्यास्त के बाद तुलसी नहीं तोड़ें.



साथ ही भगवान को फूल चढ़ाना चाहते हैं, तो फूल सूर्यास्त से पहले तोड़ लें.