दाल हर घर में बनती है मगर ज्यादातर अरहर, मसूर और मूंग की होती है हम आज बात करेंगे कुल्थी के बारे में जो कई बीमारियों में रामबाण का काम करती है भारत में इसकी खेती जुलाई से अगस्त के बीच होती है इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले खेत की अच्छे जुताई करनी होती है उसमें प्रति हेक्टेयर 5 टन गोबर का खाद मिलाना होता है बुआई से पहले इनके बीजों में फफूंद नाशक दवा जरूर मिला दी जाए आयुर्वेद में इसको एक औषधीय दाल बताया गया है दक्षिण भारत में ये दाल एक महत्वपूर्ण फसल है इसकी खेती करके किसानों को अच्छा मुनाफा होता है