देश के बदलते नामों का भी अहम और आकर्षक इतिहास रहा है. कहा जाता है कि, भारत का नाम महाराज भरत के नाम पर रखा गया. तुर्क और ईरानी जब मध्यकाल में यहां आए तो उन्होंने सिंधु घाटी में प्रवेश किया. ये लोग ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ से करते थे. इस तरह सिंधु का अपभ्रंश हिंदू हुआ. यहां के निवासियों को हिंदू कहा गया और देश का नाम हिंदुस्तान रखा गया. जब अग्रेंज भारत आए तो उन्हें हिंदुस्तान शब्द बोलने में परेशानी होती थी. अंग्रेजों को मालूम हुआ कि, भारत की सभ्यता सिंधु घाटी से है, जिसे इंडस वैली कहा जाता है. इंडस को लैटिन भाषा में इंडिया कहा जाता है, तो अंग्रेज हिंदुस्तान को इंडिया कहने लगे. अंग्रेजी शासनकाल का नाम इंडिया काफी प्रसिद्ध हुआ और आज भी देश इस नाम से जाना जाता है.