दिल्ली में देखने के लिए वैसे तो काफी कुछ मौजूद है

लेकिन ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह है, जो शहर में ही काफी मशहूर है

वो कोई और नहीं बल्कि प्राचीन बावड़ी अग्रसेन की बावली है

इसकी सुंदरता और देहाती आकर्षण लोगों को चौकने पर मजबूर कर देती है

साथ ही इसकी भूतिया कहानियों की वजह से भी यहां लोग सबसे ज्यादा आते हैं

इसका निर्माण महाभारत की अवधि के दौरान किसी और ने नहीं बल्कि महाराजा अग्रसेन नामक अग्रोहा के महान राजा द्वारा किया था

बावड़ी या बावली का नाम उसी से लिया गया है

बाद में, 14 वीं शताब्दी में, इसे अग्रवाल समुदाय के लोगों द्वारा फिर से बनाया गया, जो महाराजा अग्रसेन के वंशज माने जाते हैं

बावड़ी की स्थापत्य विशेषताओं से यह भी संकेत मिलता है

इसका पुनर्निर्माण तुगलक वंश (1321 -1414) या लोधी वंश (1451 से 1526) के दिल्ली पर शासन के दौरान किया गया था

ऐसा कहा जाता है कि अग्रसेन की बावली के कुएं के अंदर आत्मघाती काला पानी लोगों का दिमाग घुमा देता था और आत्महत्या करने के लिए भी ये काला पानी जाना जाता था

कहा जाता है कि कुएं में काला पानी था, जिससे रहस्यमय तरीके से लोगों की मौत हो गई