भारत को मातृदेवी के रूप में दिखाया जाता है

भारत को पिता क्यों नहीं कहा जाता है?

वैदिक काल से भारत को मातृभूमि कहा गया है

वेदों में पृथ्वी को हमारी माता बताया गया है

अथर्व वेद के श्लोक में इसका साक्ष्य मिलता है

1873 के नाटक 'भारत-माता' में भी इस भाव का जिक्र है

इसे बंगला लेखक किरण चंद्र बनर्जी ने लिखा था

बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने भी भारत माता के भाव को बल दिया था

उनकी लिखि वंदेमातरम में मातृभूमि की अवधारण का उल्लेख है

भारत को मां दुर्गा की तर्ज पर भी मातृभूमि कहा जाता है