पंजाब के नकोदर के मनारा मोहल्ला में कोस मीनार स्थित है कोस मीनार मुगल सल्तनत का इतिहास समेटे हुए है मुगल सल्तनत को जोड़ने वाले शेरशाह सूरी मार्ग के किनारे कोस मीनार बनाए गए थे एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी संख्या 1 हजार से भी अधिक थी देश के अलग-अलग जिलों में यह कोस मीनार मिलती है इनमें से कुछ मीनारें खेतों के बीच बनी हुई हैं कोस मीनार के जरिए मुगल काल में कोश यानी दूरी मापा जाता था आज के दौर में सड़क के किनारे एक छोटा सा पत्थर लगा होता है जिस पर दूरी और दिशा लिखा होता है मुगल काल में कोस मीनार दूरी मापने के लिए दिल्ली से लाहौर तक बने थे