कुंभकर्ण रावण का भाई था

उसकी कठिन तपस्या से ब्रह्मदेव प्रसन्न हुए

कुंभकर्ण की इच्छा इन्द्रासन की थी

मगर वरदान मांगते समय उसकी जीभ पर मां सरस्वती बैठ जाती हैं

उसके मुंह से इन्द्रासन के बजाय निन्द्रासन निकल जाता है

इसलिए कुंभकर्ण छह माह सोने के बाद जागता था

कुंभकर्ण के शरीर का आकार भीमकाय था

कुंभकर्ण को जगाने में सैनिकों को बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी

उसे जगाने के लिए कान में ढोल नगाड़े बजाए जाते थे

जागने के बाद कुंभकर्ण भारी मात्रा में खाना खाता था