केदारनाथ का सबसे बड़ा रोचक
तथ्य व रहस्य यहाँ पर स्थित शिवलिंग है. यह शिवलिंग त्रिकोण के आकार का एक बड़ा पत्थर हैं.


यह शिवलिंग मानव निर्मित ना
होकर प्राकृतिक है जो धरती में से प्रकट हुआ था.


केदारनाथ पंच केदार में से एक
होने के साथ-साथ 12 ज्योतिर्लिंग में भी एक ज्योतिर्लिंग है.


इस शिवलिंग के निर्माण के पीछे
महाभारत के समयकाल की पांडवों व भगवान शिव से जुड़ी कथा प्रचलित है.


केदारनाथ स्वयं समुंद्र तल से
22,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. केदारनाथ मंदिर भक्तों के लिए केवल छह माह तक ही खुलता है.


इतनी अधिक ऊंचाई पर इतने
विशाल शिलाखंडों को पहुँचाना व फिर उनकी इंटरलॉकिंग करना किसी मानव के लिए सक्षम नही दिखता.


इसका एक और सबसे बड़ा
रोचक तथ्य जो है यहाँ जलने वाली अखंड ज्योत या दीपक.


दरअसल मंदिर के पुजारियों के
द्वारा सर्दियों में मंदिर के कपाट बंद कर एक जलता हुआ दीपक छोड़ दिया जाता है.


छह माह के पश्चात जब मंदिर के
कपाट पुनः खोले जाते हैं तब वह दीपक उसी तरह जलता हुआ पाया जाता है.


पुराणों में यह भविष्यवाणी की
गई है कि भविष्य में केदारनाथ धाम लुप्त हो जाएगा और नारायण की शक्ति से पहाड़ों का आपस में मिलन होगा.