इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था... बारिश पर बेहतरीन शेर

Published by: एबीपी लाइव
Image Source: Pexels

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
- क़तील शिफ़ाई

Image Source: Pexels

हल्की बारिश थी हवा थी शाम थी
हम को अपना भीगना अच्छा लगा
- नजीर कैसर

Image Source: Freepik

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए
- सज्जाद बाक़र रिज़वी

Image Source: Pexels

मैं चुप कराता हूँ हर शब उमडती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है
- गुलज़ार

Image Source: Pexels

हैरत से तकता है सहरा बारिश के नज़राने को
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को
- सऊद उस्मानी

Image Source: Pexels

छुप जाएँ कहीं आ कि बहुत तेज़ है बारिश
ये मेरे तिरे जिस्म तो मिट्टी के बने हैं
- सबा इकराम

Image Source: Pexels

दफ़्तर से मिल नहीं रही छुट्टी वगर्ना मैं
बारिश की एक बूँद न बे-कार जाने दूँ
- अज़हर फ़राग़

Image Source: Pexels

शहर की गलियों में गहरी तीरगी गिर्यां रही
रात बादल इस तरह आए कि मैं तो डर गया
- मुनीर नियाज़ी

Image Source: Pexels

कच्ची दीवारों को पानी की लहर काट गई
पहली बारिश ही ने बरसात की ढाया है मुझे
- ज़ुबैर रिज़वी

Image Source: Pexels

क्यूँ माँग रहे हो किसी बारिश की दुआएँ
तुम अपने शिकस्ता दर-ओ-दीवार तो देखो
- जाज़िब क़ुरैशी

Image Source: Pexels

साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम'
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई
- अंजुम सलीमी

Image Source: Pexels