दिल का हाल बयां करते हैं ये शेर

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आख़री हिचकी तिरे ज़ानूं पे आए,
मौत भी मैं शाइराना चाहता हूं
- क़तील शिफ़ाई

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा,
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो
- बशीर बद्र

अजीब रात थी कल तुम भी आ के लौट गए,
जब आ गए थे तो पल भर ठहर गए होते
- बशीर बद्र

अभी ज़िंदा हूं लेकिन सोचता रहता हूं ख़ल्वत में,
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैंने
- साहिर लुधियानवी

अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो
- मुनव्वर राना

अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो,
न छोड़ूंगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो
- अमीर मीनाई

वो लोग बड़े खुशकिश्मत थे जो इश्क को काम समझते थे,
हम जीते जी मसरूफ रहे, कुछ इश्क किया कुछ काम किया
- फैज अहमद फैज

आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है,
जब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है
- जिगर मुरादाबादी

चल साथ कि हसरत दिल-ए-मरहूम से निकले,
आशिक़ का जनाज़ा है ज़रा धूम से निकले
- मिर्ज़ा मोहम्मद अली फ़िदवी