बिन भीगे बारिश का मजा दे देंगे ये शेर

Published by: एबीपी लाइव
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उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई - जमाल एहसानी

मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी
तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं - सुल्तान अख़्तर

तमाम रात नहाया था शहर बारिश में
वो रंग उतर ही गए जो उतरने वाले थे - जमाल एहसानी

अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की - परवीन शाकिर

बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम'
बारिश के सब हुरूफ़ को उल्टा के पी गया - अब्दुल हमीद अदम

दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था - क़तील शिफ़ाई

बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ी
बादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी - हसरत मोहानी

टूट पड़ती थीं घटाएँ जिन की आँखें देख कर
वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए - सज्जाद बाक़र रिज़वी

साथ बारिश में लिए फिरते हो उस को 'अंजुम'
तुम ने इस शहर में क्या आग लगानी है कोई - अंजुम सलीमी

क्यूँ माँग रहे हो किसी बारिश की दुआएँ
तुम अपने शिकस्ता दर-ओ-दीवार तो देखो - जाज़िब क़ुरैशी