दर्द-ए-दिल बयां करने वाली शायरी

Published by: एबीपी लाइव
Image Source: Pexels

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ

- अहमद फ़राज़

Image Source: Pexels

ये मुझे चैन क्यूँ नहीं पड़ता
एक ही शख़्स था जहान में क्या

- जौन एलिया

Image Source: Pexels

हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है

- मिर्ज़ा ग़ालिब

Image Source: Pexels

ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद
महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी-कभी

- नासिर काज़मी

Image Source: Pexels

वो टूटते हुए रिश्तों का हुस्न-ए-आख़िर था
कि चुप सी लग गई दोनों को बात करते हुए

- राजेन्द्र मनचंदा बानी

Image Source: Pexels

मुद्दत हुई इक शख़्स ने दिल तोड़ दिया था
इस वास्ते अपनों से मोहब्बत नहीं करते

- साक़ी फ़ारुक़ी

Image Source: Pexels

बद-क़िस्मती को ये भी गवारा न हो सका
हम जिस पे मर मिटे वो हमारा न हो सका

- शकेब जलाली

Image Source: Pexels

ज़माने भर के ग़म या इक तिरा ग़म
ये ग़म होगा तो कितने ग़म न होंगे

- हफ़ीज़ होशियारपुरी

Image Source: Pexels

इलाज-ए-दर्द-ए-दिल तुम से मसीहा हो नहीं सकता
तुम अच्छा कर नहीं सकते मैं अच्छा हो नहीं सकता

- मुज़्तर ख़ैराबादी

Image Source: Pexels

दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी
इंतिहा ये है कि 'फ़ानी' दर्द अब दिल हो गया

- फ़ानी बदायुनी

Image Source: Pexels