करवा चौथ पर देरी से क्यों आता है चांद?

करवा चौथ का व्रत चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, जो पूर्णिमा के बाद चौथे दिन होता है

चतुर्थी तिथि पर चांद का उदय सूर्यास्त के समय के आसपास होता है

पृथ्वी की घूर्णन गति और चंद्रमा की कक्षा के कारण चांद हर दिन लगभग 48 मिनट देरी से निकलता है

करवा चौथ पर चांद का उदय समय सूर्यास्त के बाद होता है, इसलिए इसे देखने में देरी होती है

चांद का उदय समय हर साल बदलता है, जो चंद्रमा की कक्षा और पृथ्वी की स्थिति पर निर्भर करता है

करवा चौथ पर महिलाएं चांद के दर्शन के बाद ही अपना व्रत तोड़ती हैं

चांद को अर्घ्य देने की परंपरा है, जो चांद की पूजा का हिस्सा है

चांद को शांति, स्थिरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है

चांद की पूजा से मानसिक और भावनात्मक शांति मिलती है